लोक संस्कृति एवं गढ़ भोज की महक..

उत्तरकाशी: दो दिवसीय नामिका निरीक्षण के समापन के अवसर पर राजकीय इंटर कॉलेज कण्डारी, नौगांव- उत्तरकाशी लोक संस्कृति की झलक एवं गढ़ भोज से महक उठा।

अनामिका निरीक्षण प्रभारी चतर सिंह चौहान ने शैक्षिक गतिविधियों के साथ लोक परम्परा पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम की मुक्त कंठ से सराहना की। उनके साथ आए श्याम लाल प्रेमी, अरविंद नौटियाल आदि ने अपने विचार एवं सुझाव दिए।

समापन कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं स्वागत गान से हुई। अन्य कार्यक्रमों के साथ स्थानीय लोक विरासत पर कार्यक्रम एवं पारंपरिक गढ़ भोज मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। प्रवक्ता रमेश लाल के मुख्य स्वर एवं निर्देशन में “बिडरू न मानिए” गीत- नृत्य की प्रस्तुति के दौरान अतिथियों का हरियाली व पिठांई (तिलक) से स्वागत किया गया।

उन्हें अरसे, शाकुनी (पापड़ी), तिल व चूड़े, अखरोट आदि भेंट किया गया। नृत्य के दौरान कलाकारों ने छात्र-छात्राओं के बीच पहुंचकर उन पर भी जब यह सामग्री बसाई तो सब झूम उठे। वहीं गढ़ भोज में दाल- भात, कोदे की रोटी, दही, कांडली का साग, कद्दू का रायता आदि परोसा गया।

इस जौनसारी गीत में हिमांशु चौहान, आरुषि वर्मा एवं आरुषि का अभिनय उत्कृष्ट रहा। इसके अतिरिक्त मासूम एवं रिया की सरस्वती वंदना.. तृप्ति, मासूम, आराध्या, नव्या और कनिका का स्वागत गान.. खुशी, पूजा, कनिका, प्रतिज्ञा, आयुषी एवं आरुषि का लोक नृत्य भी शानदार रहा। गायन में मानसी, मानवी, अनुसूया, अनीशा, आरुषि, ऋषभ आदि का साथ जसपाल की ढोलक ने दिया।

उक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी में रमेश लाल, अनिल बहुगुणा एवं सुरक्षा रावत का विशेष सहयोग रहा। अंत में प्रधानाचार्य नरेश रावत ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार के छात्र-छात्राएं एवं सभी शिक्षक मौजूद रहे।

2 thoughts on “लोक संस्कृति एवं गढ़ भोज की महक..

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