देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को पवेलियन ग्राउण्ड, देहरादून में “अहिल्या स्मृति मैराथन” एक विरासत-एक संकल्प कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने मैराथन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने स्वयं भी युवाओं के साथ मैराथन में दौड़कर सबका उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज में जागरूकता और एकता लाने के साथ स्वस्थ समाज का भी निर्माण करते हैं।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार, मेयर सौरभ थपलियाल, महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, विधायक भरत चौधरी, दायित्वधारी अनिल डब्बू, श्याम अग्रवाल, हेम बजरंगी, भाजपा युवा मोर्चा महानगर अध्यक्ष देवेंद्र सिंह बिष्ट एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
यह आयोजन वास्तव में समाज के लिए प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री का युवाओं के साथ दौड़ना उनकी जनता के प्रति समर्पण को दर्शाता है। ऐसे कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में एकता और जागरूकता भी लाते हैं। क्या आपको नहीं लगता कि ऐसे आयोजनों को और अधिक बार आयोजित किया जाना चाहिए? मैं यह जानना चाहूंगा कि क्या इस मैराथन में भाग लेने वाले युवाओं को कोई विशेष प्रशिक्षण दिया गया था? इस तरह के कार्यक्रमों का समाज पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है? क्या आपके विचार में यह सरकारी नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने का एक तरीका हो सकता है?