देहरादून: मुख्यमंत्री ने मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान विभाग की गेेम चेंजर योजनाओं को स्वरोजगार सृजन के साथ आर्थिकी को बढ़़ावा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि विभाग की ट्राउट प्रोत्साहन योजना, पर्वतीय जनपदों में रोजगार सृजन का कारगर माध्यम बन सकता है। उन्होंने इसके लिए निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति तथा तैयार की गई कार्य योजना के प्रभावी अनुश्रवण के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड नमामि गंगा एक्वेटिक सेंटर की स्थापना में भी तेजी लाए जाने को कहा ताकि मत्स्य प्रजातियों को संरक्षित करने के साथ विदेशी मत्स्य पर्यटकों को इस ओर आकर्षित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क की स्थापना में भी तेजी लाए जाने को कहा ताकि मत्स्य विभाग की गतिविधियों के लिए एक प्रभावी केंद्र उपलब्ध हो सके इससे भी रोजगार के और अवसर उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभाग अपनी कार्य योजना के क्रियान्वयन पर ध्यान दें, ताकि विभिन्न प्रजाति के मत्स्य उत्पादन गुणवत्ता युक्त मछली की उपलब्धता नई मत्स्य प्रजातियों के बीज उत्पादन एवं विकास के साथ मत्स्य पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।
बैठक में बताया गया कि ट्राउट प्रोत्साहन योजना के लिए 170 करोड़ का वित्तीय प्राविधान किया गया जिसमें 600 टन ट्राउट मत्स्य उत्पादन, 75 लाख ट्राउट सीड़ उत्पादन के साथ 600 प्रत्यक्ष रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। जबकि इंटिग्रेटेड एक्वेटिक सेंटर की स्थापना के लिए 250 करोड़ का बजटीय प्राविधान किया गया है इसके तहत मत्स्य प्रजातियों के संरक्षण तथा मत्स्य पर्यटन के प्रति विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किए जाने की योजना है।
इसके तहत एक्वा गैलरी के साथ मत्स्य विभाग से संबंधित कई अन्य योजनाओं का विकास किया जाएगा। राज्य स्तरीय इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क हेतु 53.39 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है जिसके तहत 5100 टन अतिरिक्त मत्स्य उत्पादन के साथ नई मत्स्य प्रजातियों एवं गुणवत्ता युक्त मछली उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आईटीबीपी को की जा रही जीवित बकरी, भेड़, कुक्कुट, ट्राउट मछली की आपूर्ति की व्यवस्था संबंधी अनुबंध की भांति सेना को भी शामिल किए जाने के लिए कार्य करने के लिए कहा। इससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलने के साथ उत्पादकों की आर्थिकी मजबूत होगी।
उन्होंने किसान उत्पादक संगठनों तथा पशुपालकों की समस्याओं के समाधान की भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने ग्राम्य गौ सेवक योजना तथा गो सदनों के निर्माण में भी तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। इस संबंध में जानकारी दी गई कि अक्टूबर 2024 तक जीवित बकरी, भेड़, कुक्कुट एवं मछली की 800 मीट्रिक टन आपूर्ति की गई।
राज्य सरकार द्वारा 5 करोड़ के रिवॉल्ंिवग फंड की भी व्यवस्था की गई है। 10 सहकारी समितियों व किसान उत्पादक संगठनों के 253 पशुपालक लाभान्वित किए गए जबकि नवंबर 2024 तक किसानों को 1.60 करोड़ डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया। इस अवधि में 6455 किलोग्राम ट्राउट मछली 22735 किग्रा. जीवित कुक्कुट 33536 किग्रा. जीवित भेड़ बकरी की आपूर्ति की गई।
मुख्यमंत्री ने डेरी विकास विभाग की समीक्षा के दौरान प्रदेश में दुग्ध उत्पादक किसानों को आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराए जाने पर भी ध्यान देने को कहा इसके लिए बायो गैस संयंत्रों की स्थापना पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया। दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध मूल्य के समय पर भुगतान की कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए है।
मुख्यमंत्री ने गन्ना चीनी विकास विभाग की समीक्षा करते हुए चीनी मिलों के आधुनिकीकरण तथा गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य के भुगतान की स्थिति की भी जानकारी ली।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सौरभ बहुगुणा, प्रमुख सचिव श्री आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगोली, डॉ. बी वी आर सी पुरुषोत्तम, श्री वी षणमुगम, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री रणवीर सिंह चौहान एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
репрайсер цен вайлдберриз репрайсер цен вайлдберриз .
банкротство физ лиц отзывы банкротство физ лиц отзывы .
I like what you guys are up also. Such clever work and reporting! Keep up the excellent works guys I¦ve incorporated you guys to my blogroll. I think it’ll improve the value of my web site 🙂