बागेश्वर: जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने गुरुवार को विकासखंड कार्यालय व तहसील कपकोट का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी के निरीक्षण में कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। जिलाधिकारी ने जनता को प्रदान की जा रही जनसेवाओं की स्थिति का गहन आकलन किया।
उन्होंने सरकारी अभिलेखों को व्यवस्थित रखरखाव, लंबित मामलों के निस्तारण,नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता और शिकायत निवारण प्रणाली के बारे में कर्मचारियों से जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने निर्देश दिए कि सभी सरकारी रिकॉर्ड सुव्यवस्थित तरीके से रखे जाएं, समय पर अभिलेखों को अपडेट रखा जाए ताकि हर काम मे पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही, किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई अमल में लाने की भी हिदायत दी।
जिलाधिकारी ने कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाएं, जीपीएफ,एनपीएस को अपडेट करने के साथ ही नागरिकों की शिकायत एवं सुझाव पेटिका,अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता और क्रियाशील रखने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने आधार केंद्र और रिकॉर्ड रूम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिकायत निवारण प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जाए, ताकि नागरिकों की समस्याओं व शिकायतों का समय पर निराकरण हो सके। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि तहसील और ब्लॉक स्तर पर निर्गत होने वाले सभी प्रमाण पत्र निर्धारित समय सीमा में जारी किए जाएं ताकि जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
जिलाधिकारी ने रिकॉर्ड रूम,आपदा प्रबंधन केंद्र, आधार केंद्र,निर्वाचन सभागार,अग्निशमन उपकरण और अन्य जनसेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि नागरिकों को दी जाने वाली सेवाएं समयबद्ध और पारदर्शी हों, जिससे किसी भी नागरिक को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी ने कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की,उनकी कार्यशैली की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सुचारू और त्वरित सेवाएं प्रदान करना है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बीडीओ कार्यालय में विभिन्न अनुभागों का निरीक्षण किया। उन्होंने मनरेगा सेल, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, आधार फीडिंग, पेमेंट सिस्टम, मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम और सोशल ऑडिट आदि से संबंधित अधिकारियों से तीखे सवाल पूछे। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो तथा सुचारू सर्वेक्षण किए जाए ताकि पात्र लाभार्थियों को समय पर लाभ मिले।
डीएम ने स्पष्ट किया कि किसी भी योजना में देरी या अनियमितता मिलने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। शिकायत प्रकोष्ठ एवं सुझाव पेटिका के निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि कुछ मामलों का समय पर निस्तारण नहीं हुआ है।
जिस पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राप्त सभी शिकायतों का तत्काल निस्तारण करना सुनिश्चित करें। और एक ट्रैकिंग प्रणाली विकसित की जाए, जिससे शिकायतकर्ता को समाधान की स्थिति की जानकारी समय पर मिल सके। उन्होंने कहा कि किसी भी शिकायत का समाधान निर्धारित समय सीमा में न होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खंड विकास अधिकारी कार्यालय की दयनीय स्थिति पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया और तत्काल मरम्मत कर इसे जनसेवा के योग्य बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कार्यालय में नागरिकों के बैठने,पीने के पानी और स्वच्छता की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो।साथ ही स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जल संरक्षण,माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट, मेडिसिनल और एरोमैटिक प्लांट्स की खेती को बढ़ावा दिया जाए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें।
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