नवरात्रि पर्व के दौरान व्रत उपवास में प्रमुखता से इस्तेमाल होने वाले खाद्य पदार्थों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखण्ड खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन लगातार छापेमारी अभियान चला रहा है। आज अष्टमी के दिन भी एफडीए का राज्यव्यापी अभियान जारी रहा।
स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त एफडीए डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत के दिशा निर्देशों पर राज्यभर में कुट्टू के आटे, साबूदाने, सेंधा नमक, दूध, पनीर समेत व्रत में प्रयुक्त खाद्य सामग्री की सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है।
विभाग की टीमों ने आज प्रदेशभर में 94 से अधिक खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया, 13 नमूने जांच के लिए एकत्र किए। इसके साथ ही देहरादून जनपद में 50 किलो संदिग्ध कुट्टू के आटे को नष्ट भी कराया गया। अभियान का उद्देश्य नवरात्रि के दौरान उपभोक्ताओं को मिलावटी या असुरक्षित खाद्य सामग्री से बचाना है। शासन स्तर से अभियान की कडी निगरानी की जा रही है।
50 किलो आटा किया गया नष्ट
आयुक्त डाॅ आर राजेश कुमार ने कहा सभी टीमें पूरी मुस्तैदी के साथ अभियान में जुटी हुई हैं। देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार के आलावा चारधाम यात्रा मार्ग पर विशेष चैकसी बरती जा रही है। यहां जांच के लिए मोबाइल वैन के साथ ही अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं। इसके साथ ही अन्य सभी पर्वतीय जनपदों में भी टीमों द्वारा लगातार विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत व्रत के दौरान उपयुक्त खाद्य सामग्री विशेषकर कुट्टू के आटे की शुद्धता की जांच की जा रही है। आज 5 अप्रैल को देहरादून में 21 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, जिसमें कांवली रोड स्थित एक प्रतिष्ठान से 50 किग्रा संदिग्ध कुट्टू का आटा जब्त कर नष्ट किया गया। इसी दिन राज्य के विभिन्न जिलों से कुट्टू के आटे समेत कुल 13 खाद्य पदार्थों के नमूने जांच हेतु एकत्र किए गए हैं। शासनस्तर पर रोज कार्रवाई की समीक्षा की जा रही है। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही बदार्शत नहीं की जायेगी।
खुले आटे की बिक्री नहीं मिली
आयुक्त डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि कुमाऊं मंडल के अंतर्गत पिथौरागढ, चंपावत, बागेश्वर, अल्मोडा, नैनीताल और उधमसिंहनगर जिलों में विशेष जांच अभियान चलाया गया। निरीक्षण में पाया गया कि किसी भी स्थान पर खुले कुट्टू के आटे की बिक्री नहीं हो रही है, जो कि विभाग की सख्ती और जागरूकता का परिणाम है। सभी जगह ब्रांडेड और लेबलयुक्त आटा ही बिक्री में था, जिन पर निर्माण तिथि, बैच नंबर, एक्सपायरी डेट जैसी अनिवार्य जानकारियाँ दर्ज थीं। 84 से अधिक प्रतिष्ठानों की जांच की गई और 10 खाद्य नमूने परीक्षण के लिए हल्द्वानी स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला को भेजे गए। उन्होंने बताया कि मंडल स्तर पर पूरे अभियान की समीक्षा की जा रही है और सभी जिलों में कार्रवाई निरंतर जारी है। आयुक्त डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि खाद्य संरक्षा विभाग ने देहरादून से 2, हरिद्वार से 1, नैनीताल से दूध व पनीर, अल्मोडा से बेसन, पिथौरागढ से मैदा व बेसन, उधमसिंहनगर से साबूदाना, और चंपावत से सेंधा नमक व साबूदाना के नमूने विश्लेषण हेतु प्रयोगशाला भेजे। सभी जिलों को जांच रिपोर्ट शीघ्र भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
ब्लिंकिट में खाद्य सुरक्षा मानकों का सीधा उल्लंघन
ऑनलाइन खाद्य आपूर्ति प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट के माध्यम से एक्सपायरी सामग्री की आपूर्ति की शिकायत मिलने के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन देहरादून द्वारा आज बड़ी कार्रवाई की गई। उपयुक्त गढ़वाल मंडल आर. एस. रावत और जिला अभिहीत अधिकारी देहरादून मनीष सयाना के नेतृत्व में एफडीए की टीम ने ब्लिंकिट के दो स्टोरों पर छापा मारा। निरीक्षण के दौरान दोनों स्टोरों में बिना निर्माण अथवा समाप्ति तिथि के चिप्स पैकेट और एक्सपायरी ब्रेड स्टॉक में रखी पाई गई। यह खाद्य सुरक्षा मानकों का सीधा उल्लंघन है। मौके पर ही दोनों स्टोरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्राप्त जवाब के आधार पर दोनों स्टोरों के खिलाफ विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस छापेमारी अभियान में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह (नगर निगम), संजय तिवारी (विकासनगर), एफडीए विजिलेंस टीम से जगदीश रतूड़ी और संजय नेगी शामिल रहे।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि ऑनलाइन खाद्य सामग्री प्राप्त करते समय निर्माण एवं समाप्ति तिथि अवश्य जांचें, और किसी भी प्रकार की अनियमितता की सूचना विभाग को दें।
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