मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को कुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि 2027 में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के दृष्टिगत सभी प्रकार के स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति के कार्य 31 अक्टूबर, 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि कार्य समाप्ति की अंतिम तिथि को गंभीरता से लेते हुए सभी कार्यों को समय से पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों के नोडल अधिकारी शीघ्र नामित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या का आंकलन कर उसके अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुरूप ही घाटों की संख्या भी बढ़ाई जाए। उन्होंने मेलाधिकारी को सभी हितधारकों से लगातार संवाद करते हुए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेक्निकल ऑडिट कमिटी और थर्ड पार्टी क्वालिटी कंट्रोल की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कुम्भ मेले के लिए सभी प्रकार के कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए ए, बी, सी श्रेणियों में बांटे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों को प्रत्येक स्थिति में कराया ही कराया जाना है, ऐसे कार्यों के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि के कार्यों को भी प्राथमिकता पर लिया जाए, ताकि वे समय से पूर्ण हो सकें। उन्होंने अस्थायी प्रकृति के कार्यों को समयावधि के अनुरूप कराए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन-जिन विभागों एवं संस्थाओं को कुम्भ मेला क्षेत्र में स्थान आवंटित किया जाता है, उन स्थानों पर यदि अतिक्रमण हो रखा है तो, अतिक्रमण हटाते हुए विभागों को आवंटित किया जाए। उन्होंने कुम्भ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के अतिक्रमण हटाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने एसपी हरिद्वार को कुम्भ मेले के दौरान यातायात एवं पार्किंग प्लान 20 अगस्त, 2025 तक मेलाधिकारी को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, पेयजल एवं विद्युत विभाग सहित अन्य सभी ऐसे विभागों, जो कुम्भ मेले के दौरान सेवाएं देते हैं, को अपनी कार्ययोजना भी 20 अगस्त, 2025 तक उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा मरम्मत के लिए नहर बंदी के समय जो कुम्भ मेले से सम्बन्धित कार्य उत्तराखण्ड द्वारा कराए जाने हैं, उसके लिए पूर्व से ही सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए, ताकि नहरबंदी के दौरान तत्काल कार्य कराया जा सके।
मुख्य सचिव ने कुम्भ मेला क्षेत्र को बढ़ाए जाने की सम्भावनाएं तलाशे जाने पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रकार की सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण कराए जाने हेतु उच्चाधिकारियों को क्षेत्रीय भ्रमण कर समय से कार्य पूर्ण कराए जाएं। मुख्य सचिव ने रानीपुर मोड़, रेलवे पुल से ज्वालापुर तक जल भराव की समस्या का भी हल निकाले जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत कुम्भ मेला क्षेत्र में अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ ही विभिन्न जगहों पर फायर हाइड्रेंट भी स्थापित किए जाएं।
इस अवसर पर मेलाधिकारी श्रीमती सोनिका ने कुम्भ मेले के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री नितेश कुमार झा, श्री बृजेश कुमार संत, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री विनय शंकर पाण्डेय, श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, श्री युगल किशोर पंत एवं डॉ . रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम जिलाधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी भी उपस्थित थे।
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